Wednesday, May 1, 2019

विपनेश, एक अनूठी शख्सियत...

गभग एक दशक पहले की बात होगी. दिल्ली में आईटीओ के पास किसी साहित्यिक इवेंट से बाहर आते समय अचानक हमारी भेंट  विपनेश माथुर नामक एक युवती से हुई. मैं अपनी पत्नी के साथ था. अकेले होने की वजह से विपनेश हमारे साथ-साथ ही चलने लगी थी. दुबली पतली, सीधी सी विपनेश से चलते-चलते ही हमारा कुछ परिचय हो गया था. उसे और हमें द्वारका साइड की मेट्रो पकड़नी थी अतः हम एक साथ ही मेट्रो में सवार हो गए थे. उस छोटी सी उम्र की लड़की ने जब हमें बताया कि वह किसी न्यूज़ चैनल में काम करती है तो हमें आश्चर्य सहित उसके प्रति और भी कुछ जानने की उत्सुकता हुई. फिर दोनों ओर से आपसी परिचय का आदान प्रदान हुआ. हमें विपनेश एक बहुत भली, समझदार और प्रतिभावान लड़की नज़र आई. शायद उसे भी हम दोनों अच्छे लगे अतः गंतव्य तक पहुँचने-पहुँचते, हमारी अच्छी-खासी जान पहचान भी हो गई थी. उसके बाद बातों और परिचय से होते हुए विपनेश का अनेक बार हमारे घर और साहित्यिक, सांस्कृतिक इवेंट में भी आना शुरू हुआ. और जल्द ही हम एक अनूठे रिश्ते से बंध गए थे.

विभिन्न न्यूज़ चैनल्स से गुज़रते हुए आज विपनेश न्यूज़24 पर बेहतरीन एंकरिंग करती देखी जा सकती हैं. खाली समय में विपनेश ने हमारे साथ भी अनेक राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय इवेंट्स में अपनी बेस्ट एंकरिंग के जलवे दिखाए हैं. बाप-बेटी की उम्र की जोड़ी और नोंक-झोंक, हंसी-मज़ाक के साथ हमारी एंकरिंग दर्शकों/श्रोताओं द्वारा खूब पसंद भी की जाती रही है.

विपनेश को उसकी बेस्ट एंकरिंग के लिए दिल्ली और देश के अन्य क्षेत्रों की प्रतिष्ठित साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित/पुरस्कृत होने का भी अनेक बार अवसर मिला है.
जन्म दिन आदि जैसे अपनी और हमारी ख़ुशी के अवसर, अक्सर विपनेश हमारे घर में हम सबके साथ ही बिताती है. अपनी किसी तरक्की पर वह जिद करके हमें अपनी ओर से दावत कराना भी नहीं भूलती है. 

इन सब बातों से अलग विपनेश की जो सबसे बड़ी खासियत है वह यह है कि वह अपनी नौकरी और तमाम जिम्मेदारियों के साथ ही अपनी सामाजिक, पारिवारिक और दोस्ती-यारी की ज़िम्मेदारी निभाना भी नहीं भूलती.अक्सर छुट्टी लेकर वह जब हमारी हारी-बीमारी में हमें देखने घर या हास्पिटल आती है और हम इससे उसे रोकना चाहते हैं तो वह हमें किसी बूढ़े-बुज़ुर्ग की तरह, रिश्तों की अहमियत और नाते-रिश्तों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी भी बता देती है. 

परिवार में सबसे बड़ी न होकर भी वह अपने माता-पिता, भाई-बहनों का किसी अभिभावक जैसा ही ख्याल रखती है और उनकी जिम्मेदारियां अक्सर खुद ही वहन करने को तत्पर रहती है. जो लोग आज भी बेटियों को हीन भावना से देखते हैं और उन्हें बेटों से हर मामले में कमतर समझते हैं उनके लिए विपनेश किसी उदाहरण से कम नहीं. 

27वें वर्ष में भी वह प्रथम अपने कैरिअर और पारिवारिक जिम्मेदारियों के प्रति ज्यादा सजग दिखाई देती है. शादी-ब्याह की बात पर उसका दो टूक यही जवाब रहता है कि जब तक मेरे भाई-बहन सेटेल नहीं हो जाते और घर की हालत ठीक नहीं हो जाती वह शादी नहीं करेगी. ऐसे में हमें बरबस तपस्या फिल्म की राखी याद आ जाती है. लेकिन अपनी सारी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर विपनेश जल्द अपना घर बसाये यही हमारी ईश्वर से कामना है...

              विपनेश जी का इमेल: vipnesh20@gmail.com

     नोट: हमारा यह प्रयास कैसा लगा, आप हमें whatsapp पर भी सूचित कर सकते हैं.



विपनेश, एक अनूठी शख्सियत...

ल गभग एक दशक पहले की बात होगी. दिल्ली में आईटीओ के पास किसी साहित्यिक इवेंट से बाहर आते समय अचानक हमारी  भेंट  विपनेश माथुर नामक एक युवती ...